चंडीगढ़ ग्रेनेड ब्लास्ट के 4 आरोपी अब 5 दिन की रिमांड पर; प्रोडक्शन वारंट पर अमृतसर से अपने साथ लाई चंडीगढ़ पुलिस, आतंकी कनेक्शन
Chandigarh Grenade Blast 4 Accused On 5 Days Police Remand News
Chandigarh Grenade Blast Case: चंडीगढ़ सेक्टर-10 ग्रेनेड ब्लास्ट केस में 4 आरोपियों को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस इन चारों आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर अमृतसर से अपने साथ चंडीगढ़ लेकर आई। जिसके बाद इन्हें सीजेएम की अदालत में पेश किया गया। जहां पुलिस ने इनकी 5 दिन की रिमांड हासिल की।
चंडीगढ़ पुलिस अब रिमांड के दौरान चारों आरोपियों से पूछताक्ष और जांच-पड़ताल करेगी। इस दौरान ब्लास्ट केस को लेकर कई अहम खुलासे हो सकते हैं। पुलिस यह भी पता लगाएगी कि, ब्लास्ट में जिस ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया। वो कहां का बना हुआ था। आशंका है कि, ग्रेनेड की सप्लाई विदेश से हुई। चारों आरपियों की पहचान रोहन मसीह, विशाल (दोनों मुख्य आरोपी) और दो अन्य की पहचान अमरजीत और आकाशदीप के रूप में हुई है।
इन दोनों ने रोहन-विशाल को हथियार और ग्रेनेड जैसे विस्फोटक उपलब्ध कराने में मदद की। चारों आरोपी पंजाब के ही रहने वाले हैं। चारों को चंडीगढ़ पुलिस ऑपरेशन सेल के इंस्पेक्टर शेरसिंह की सुपरविजन में चंडीगढ़ लाया गया है। मुख्य आरोपी रोहन मसीह अमृतसर ग्रामीण का रहने वाला है। रोहन मसीह को अमृतसर के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) की गिरफ्त में ले रखा गया था। वहीं आरोपी विशाल को दिल्ली से पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
पंजाब DGP ने कही थी आतंकी कनेक्शन की बात
13 सितंबर को पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने चंडीगढ़ ग्रेनेड ब्लास्ट के मुख्य आरोपी रोहन मसीह को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी दी थी। डीजीपी ने बताया था कि, पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसी के साथ जॉइंट ऑपरेशन में आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी रोहन मसीह को अमृतसर के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) की गिरफ्त में रखा गया है और चंडीगढ़ पुलिस के साथ मिकलकर आगे की जांच व कार्रवाई की जा रही है। डीजीपी ने कहा था कि, उसके कब्जे से एक 9 एमएम ग्लॉक पिस्तौल और गोला-बारूद बरामद किया गया है।
वहीं डीजीपी ने ब्लास्ट की इस घटना में ज्यादा जानकारी देते हुए पाकिस्तान ISI कनेक्शन की भी बात कही। डीजीपी ने कहा कि, चंडीगढ़ ब्लास्ट केस में पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए चंडीगढ़ पुलिस के साथ मिलकर आगे की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि ब्लास्ट की घटना की प्लानिंग पाकिस्तान ISI के इशारे पर की गई। ISI के इशारे पर बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा इस हमले का मास्टरमाइंड बना और उसने ही यूएस बेस्ड हैप्पी पासिया को यह काम सौंपा। जिसके बाद हैप्पी पासिया के निर्देश पर उसके गुर्गों ने घटना को अंजाम दिया।
11 सितंबर शाम को कोठी पर ग्रेनेड ब्लास्ट किया
चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में ग्रेनेड ब्लास्ट की घटना 11 सितंबर शाम को घटी। शाम साढ़े 5 बजे के आसपास ऑटो से आए आरोपियों ने यहां रिटायर्ड प्रिंसिपल की कोठी (नंबर-575) पर हैंड ग्रेनेड फेंका। जिसके बाद वह कोठी के लॉन में जाकर तेजी से फटा। जिस जगह पर हैंड ग्रेनेड फटा वहां गड्डा हो गया था साथ ही कोठी की खिड़कियों के शीशे टूट गए। वहीं हैंड ग्रेनेड के तेज धमाके की आवाज इलाके में दूर-दूर तक सुनी गई। जिससे लोगों में भी दहशत फैल गई। वहीं आरोपी हैंड ग्रेनेड फेंकने के बाद मौके से फरार हो गए थे। जबकि सूचना मिलने पर चंडीगढ़ पुलिस, पंजाब पुलिस और एनआईए की टीम मौके पर पहुंची थी और जांच शुरू की गई थी।
पुलिस ने फोटो जारी कर 2 लाख का इनाम रखा
चंडीगढ़ में ग्रेनेड ब्लास्ट के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए 2 संदिग्ध आरोपियों की फोटो जारी की थी और उनपर 2-2 लाख का इनाम रखा था। वहीं चंडीगढ़ पुलिस इन दोनों की तलाश में तेजी से जुट गई थी। ग्रेनेड ब्लास्ट की घटना को लेकर चंडीगढ़ के साथ पंजाब और हरियाणा में अलर्ट जारी कर दिया गया था। चंडीगढ़ में यह पहली बार था कि, जब शहर के इतने पॉश और सुरक्षित इलाके में ग्रेनेड ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया गया हो। इस घटना चंडीगढ़ पुलिस के लिए हलचल पैदा कर दी। चंडीगढ़ पुलिस की सक्रियता सवालों के घेरे में आ गई।
बता दें कि, जिस आटो से आरोपी कोठी पर ग्रेनेड ब्लास्ट करने पहुंचे थे। उस आटो चालक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और उससे पूछताक्ष की थी। पूछताक्ष में आटो चालक ने बताया था कि, आरोपियों ने उसके आटो में आकर 9 सितंबर को कोठी की रेकी की थी और इसके बाद फिर वह 11 सितंबर को उसकी आटो से कोठी पर पहुंचे थे और ब्लास्ट करने के बाद उसकी आटो से ही फरार हुए। इस दौरान एक जगह पर जब रेड लाइट होने पर उसने आटो रोका तो आरोपियों ने उसे रेड लाइट जंप करने को कहा, लेकिन जब उसने मना किया तो आरोपी आटो से निकलकर भाग गए।
बताया जाता है कि, 11 सितंबर को आरोपी अमृतसर से वॉल्वो बस में सवार होकर चंडीगढ़ के 43 बस स्टैंड पहुंचे और वहां से आटो में सवार होकर अटावा चौक, किसान भवन से होते हुए मटका चौक की तरफ से सेक्टर-10 में पहुंचे थे।
रिपोर्ट- रंजीत शम्मी